माफ़ी
हर गलती करने पर माफ कर देना,यही हम सब को सिखाया जाता रहा है।पर,क्या कभी जो गलती करता है उसे बार बार माफ कर देना हर समय ठीक होता है?
हर दिन कि व्यस्तता के बीच आज शीनू पूरी उमंग के साथ अपने काम में व्यस्त थी। शीनू एक नामी गिरामी स्कूल की शिक्षिका थी। स्कूल में सभी उसके हसमुख स्वभाव से परिचित थे। शीनू को भी अपना अध्यापन कार्य बहुत पसंद था।
स्कूल के सभी बच्चे शीनू की क्लास में बहुत ही आनंदित होते थे।
सभी का मानना था कि शीनू बच्चों से उनके स्तर पर जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करती उन्हें हर हाल में अपने को मजबूत हो आगे बढ़ते रहने को प्रेरित करती रहती।
घर से खुशहाल शीनू हमेशा ही उमंग से भरी रहती। बात उन दिनों कि है जब कोरोना के बाद भी कई दिनों तक कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से दी जा रही थीं।
नई तकनीक से अध्यापन कार्य किए जा रहे थे। ऐसे में तकनीक का कम ज्ञान समस्या भी खड़ी कर रहा था।
आज के बच्चे इस नई तकनीक में माहिर तो थे ही पर उसे गलत दिशा में प्रयोग करने में भी उतने ही उत्साहित भी थे।
ऐसा एक वाकिया एक दिन अंग्रेजी की कक्षा के समय हुआ।
सभी बच्चों को वीडियो मोड पर आकर अपने विचार रखने थे।
सभी बच्चे पूरे उत्साह से अपने बारी का इंतजार करते और अपने विचार रखते।इस तरह पूरा एक घंटा बीत गया और कक्षा समाप्त हो गई।
शीनू भी रोज की तरह अपने घर के काम में मशगूल हो गई।
शाम होते ही उसे एक छात्रा का फोन आया। "मैडम किसी बच्चे ने जब में कक्षा में अपने विचार वीडियो के माध्यम से रख रही थी,तभी एक बच्चे ने मेरी मीम बना कर फेसबुक पर पोस्ट कर दी, मैं बहुत परेशान हूँ," थोड़ी देर के लिए तो शीनू को कुछ समझ नहीं आया,पर उसने छात्र को हिम्मत देते हुए पूछा कि जिस किसी ने यह पोस्ट किया गया है उसकी सभी डिटेल भेजो । आनन फानन में शीनू ने क्लास के व्हाट्सएप ग्रुप में पुनः क्लास बुलाई। सभी बच्चों ने ज्वाइन किया और फिर शीनू ने उस बच्चे को अप्रत्यक्ष में यह समझाया कि यह एक अपराध है ,और अभी उस पोस्ट को वह डिलीट कर दे। साथ ही सभी को साइबर क्राइम के बारे में भी जानकारी दी।
जिस छात्र ने वह गलती की थी उसने बाद में कॉल कर माफ़ी मांगी और पुनः कभी कैसा न करने का प्रण भी लिया।
आज भी वह माफीनामा शीनू के पास सहेज कर रखा हुआ है, और वह छात्र आज मेडिकल कालेज में दाखिला ले अपने सुनहरे भविष्य को अपने मेहनत के रंग से सींच रहा है।
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