Friday, 28 August 2020




भरोसा 
एक प्यारी  सी रेशम  की  डोर 
जिसमें  बधे संबंधों  के छोर 
निभा दिया तो बना दिया 
टूट  गया  तो सब छूट गया। 


कण कण  कर ये जुड़ता है 
पल  पल में छलता है 
समझ  गया  जो इसकी पोल 
जीत लेगा ज़िंदगियाँ  अनमोल। 




मीना शर्मा  

7 comments: